QS Sustainability Rankings 2026: IIT Delhi इंडिया का नंबर 1 – ग्लोबल लीडर्स, भारतीय परफ़ॉर्मेंस और ESG के भविष्य की पूरी कहानी
आज की दुनिया में यूनिवर्सिटी सिर्फ़ पढ़ाई की जगह नहीं रहीं—वे अब पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक न्याय, और बेहतर गवर्नेंस का असली इंजन बन चुकी हैं। इसी सोच को मापने के लिए हर साल जारी होती है QS World University Rankings: Sustainability 2026, जो दुनिया भर की यूनिवर्सिटियों के ESG यानी Environmental, Social और Governance प्रभाव को तौलती है।
18 नवंबर 2025 को जारी इस रैंकिंग में करीब 2,000 ग्लोबल यूनिवर्सिटियों का मूल्यांकन किया गया। भारत की तरफ़ से सबसे आगे रहा IIT Delhi, जिसने ग्लोबल 205वीं रैंक हासिल की और देश में नंबर 1 रहा। हालाँकि यह पिछले साल की 171वीं रैंक से फिसलकर नीचे आया है—यानी प्रगति भी है और सुधार की ज़रूरत भी।
भारत के कुल 103 संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हुए—दुनिया में चौथे स्थान पर। पर अभी भी टॉप-200 में कोई भारतीय संस्थान जगह नहीं बना पाया। साथ ही दुनिया का ताज इस बार गया स्वीडन के Lund University के नाम, जिसने 100/100 का परफ़ेक्ट स्कोर हासिल किया।
अगर आप स्टूडेंट हैं, SDG/ESG पर काम करते हैं, या बस जानना चाहते हैं कि दुनिया की यूनिवर्सिटियाँ sustainability में कहाँ खड़ी हैं—तो यह पूरा A-to-Z गाइड आपके लिए है।
🌍 ग्लोबल टॉप-20: दुनिया के सबसे हरित, समावेशी और पारदर्शी विश्वविद्यालय
QS Sustainability में पारंपरिक “academic reputation” से अधिक महत्व मिलता है—
कैंपस कितना ग्रीन है
समाज से कितनी भागीदारी है
गवर्नेंस कितना ethical है
2026 में ग्लोबल रैंकिंग का टॉप-20 इस प्रकार है:
| ग्लोबल रैंक | यूनिवर्सिटी | देश | ओवरऑल स्कोर | प्रमुख ताकत |
|---|---|---|---|---|
| 1 | Lund University | स्वीडन | 100.0 | पर्यावरण प्रभाव |
| 2 | University of Toronto | कनाडा | 99.8 | सामाजिक प्रभाव |
| 3 | UCL | यूके | 99.0 | गवर्नेंस |
| 4 | University of Edinburgh | यूके | 98.7 | SDG रिसर्च |
| 5 | Western Sydney University | ऑस्ट्रेलिया | 98.2 | कम्युनिटी एंगेजमेंट |
| 6–20 | (अन्य शीर्ष संस्थान) | — |
यूरोप और उत्तरी अमेरिका ने टॉप-20 में जबरदस्त दबदबा बनाया है। स्वीडन, यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया — sustainability में लीडरशिप दिखा रहे हैं।
🇮🇳 भारत का प्रदर्शन: IIT Delhi ने भारतीय चार्ट में बाज़ी मारी
भारत के 103 संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हुए—यह पिछले साल की तुलना में 12% बढ़ोतरी है।
लेकिन इंडिया का सबसे बड़ा “वेक-अप कॉल”:
टॉप-200 में एक भी भारतीय यूनिवर्सिटी नहीं।
🔹 देश की टॉप 10 यूनिवर्सिटियाँ (Sustainability 2026)
| इंडिया रैंक | यूनिवर्सिटी | ग्लोबल रैंक | स्कोर | पिछले साल से बदलाव |
|---|---|---|---|---|
| 1 | IIT Delhi | 205 | 83.1 | -34 |
| 2 | IIT Bombay | 235 | 81.4 | -20 |
| 3 | IIT Kharagpur | 236 | 81.3 | -15 |
| 4 | IIT Madras | 305 | 77.3 | -10 |
| 5 | IIT Kanpur | 310 | 78.0 | -5 |
| 6 | IIT Roorkee | 352 | 74.9 | लगभग समान |
| 7 | IIT (BHU) | 672 | 62.5 | +50 |
| 8 | IIT Hyderabad | 792 | 58.7 | -30 |
| 9 | IIT Gandhinagar | 801–850 | 57.2 | नया शामिल |
| 10 | IIT Guwahati | 851–900 | 56.8 | +100 |
🔹 IIT Delhi अपने सामाजिक प्रभाव और SDG रिसर्च की वजह से भारत में सबसे आगे है।
🔹 IIT Bombay गवर्नेंस में मजबूत है।
🔹 IIT Kharagpur पर्यावरण मॉड्यूल में बढ़िया कर रहा है।
IISc, Ashoka University और कई अन्य निजी विश्वविद्यालय equity और biodiversity में अच्छा काम कर रहे हैं।
📉 2025 → 2026: फिसलन, उभरते चेहरे और सिस्टम की चुनौतियाँ
भारत में ज्यादा संस्थान शामिल हुए—लेकिन टॉप रैंकों में गिरावट दिखी।
गिरावट के कारण:
- फंडिंग में कमी
- गवर्नेंस और diversity में कमजोर प्रदर्शन
- कैंपस ग्रीनिंग प्रोजेक्ट्स का धीमा विस्तार
सकारात्मक बदलाव:
- कई IITs और IISc ने environmental scores बढ़ाए
- SDG आधारित कोर्स और रिसर्च में तेजी
- देशभर में solar और zero-waste initiatives में सुधार
🧭 QS की Methodology: क्या मापता है Sustainability Ranking?
QS Sustainability Ranking इन तीन स्तंभों पर आधारित है:
🟢 1. Environmental Impact (45%)
- कार्बन उत्सर्जन
- नवीकरणीय ऊर्जा
- biodiversity
- waste management
🔵 2. Social Impact (45%)
- equality & inclusion
- community outreach
- employability
- health & wellbeing
🟣 3. Governance (10%)
- ethics
- financial transparency
- inclusion policies
- institutional accountability
भारत social impact में अच्छा करता है, लेकिन environmental और governance में अभी भी काफी अंतर है।
🇮🇳✨ QS Asia 2026 से तुलना: भारत का उभरता सफ़र लेकिन sustainability में कमी
QS Asia 2026 में भारत के 294 संस्थान शामिल थे—7 टॉप-100 में।
वहीं sustainability में—टॉप-200 में एक भी नहीं।
इसका मतलब:
रिसर्च में भारत मजबूत है, पर पर्यावरण, समाज और गवर्नेंस में सुधार की ज़रूरत है।
🔍 इंडिया के लिए मुख्य चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
🔻 चुनौतियाँ:
- कम फंडिंग – ग्रीन प्रोजेक्ट्स को पर्याप्त समर्थन नहीं
- गवर्नेंस गैप – diversity, transparency की कमी
- कैंपस इंफ्रास्ट्रक्चर – pollution, inefficient buildings
- SDG इंटीग्रेशन अभी सीमित
🔺 अवसर:
- NEP 2020 में ESG को बढ़ावा
- CSR फंड से विश्वविद्यालयों को सपोर्ट
- Zero-waste, solar, wetlands restoration जैसे प्रोजेक्ट
- Global collaborations
अगर भारत चाहे तो 2030 तक कम से कम 50 भारतीय विश्वविद्यालय टॉप-500 sustainability में आ सकते हैं।
💡 निष्कर्ष: IIT Delhi का नेतृत्व मजबूत, लेकिन भारत के लिए लंबा सफ़र बाकी
QS Sustainability Rankings 2026 एक आईना है—जोकि दिखाता है:
- भारत मौजूद है
- हिस्सा बढ़ रहा है
- पर ग्लोबल लीडर बनने के लिए environment, social inclusion और governance में बड़ा निवेश चाहिए।
IIT Delhi ने घरेलू स्तर पर नेतृत्व दिखाया है—
अब ज़रूरत है कि देशभर की यूनिवर्सिटियाँ मिलकर भारत को ESG powerhouse बनाएं।