प्रशांत किशोर की भविष्यवाणियाँ छत गईं? — जन सुराज के जीरो के बीच JD(U) का बूस्ट सवाल खड़ा कर रहा है

पृष्ठभूमि
प्रशांत किशोर (PK), जिन्होंने जन सुराज पार्टी के ज़रिए बिहार की राजनीति में बड़े सपने देखे थे, अब अपनी ही भविष्यवाणियों के चलते मुश्किल में हैं। चुनाव से पहले उन्होंने यह बड़ा दावा किया था कि JD(U) 25 सीटों से ज़्यादा नहीं जीतेगी — और अगर ऐसा हुआ तो वो राजनीति छोड़ देंगे। The New Indian Express+2Business Today+2

उनकी दो खास भविष्यवाणियाँ

  1. जन सुराज की सीट संख्या
    किशोर ने कहा था कि उनकी पार्टी या तो 10 सीटों से कम पाएगी या 150 से ज़्यादा, बीच में कुछ नहीं। mint+2mint+2
  2. JD(U) का तिलिस्म
    उन्होंने साफ कहा था कि अगर JD(U) 25 से ज़्यादा सीटों पर पहुंच गई, तो वह राजनीति छोड़ देंगे। The New Indian Express

हालात का उल्टा मिजाज

  • जन सुराज (JSP) — उनका पार्टी 243 सीटों में शामिल थी, लेकिन चुनाव में ek bhi सीट नहीं जीती. www.ndtv.com
  • JD(U) — किशोर के 25 सीट के अनुमान की पूरी तरह खिंचाई करते हुए, JD(U) ने लगभग 85 सीटें जीत लीं। www.ndtv.com+1

अब सवाल उठता है: क्या किशोर अपनी बात पर कायम रहेंगे?

  • सोशल मीडिया पर तेज़ी से चर्चा हो रही है कि क्या वे राजनीति छोड़ेंगे जैसी उन्होंने बात कही थी। Outlook India
  • अभी तक किशोर ने सार्वजनिक रूप से इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। NDTV में भी यह उठाया गया है कि उनका एक बड़ा दाँव अब उलट गया है। www.ndtv.com+1
  • Jan Suraj पार्टी का प्रवक्ता कह रहा है कि वे चुनाव नतीजों की “गंभीर समीक्षा” करेंगे। www.ndtv.com

क्या हुआ गलत?

  • रणनीतिकार बनी राजनेता PK की मेगा-बेट गलत पड़ी: उनका “सब या कुछ नहीं” वाला मॉडल जनता के वोटों में नहीं उतर पाया।
  • उनका दूसरा दांव — JD(U) को कमजोर करना — पूरी तरह फेल हो गया क्योंकि JD(U) ने शक्ति दिखा दी।
  • जन सुराज की लोकप्रियता सोशल मीडिया तक सीमित रही, लेकिन ज़मीनी मतदान में उसका असर नदारद रहा।

निष्कर्ष
प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीति की शुरुआत बड़े दावों और बोल्ड भविष्यवाणियों के साथ की थी। लेकिन अब, उनके दो बड़े दांव — जन सुराज का चुनावी प्रदर्शन शून्य और JD(U) की बढ़त — उनके राजनीतिक आत्मविश्वास पर बड़ा खतरा हैं।
अगर PK अपनी बात पर टिके रहते हैं और राजनीति छोड़ने की घोषणा करते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ होगा। लेकिन अगर वे पीछे नहीं हटेंगे, तो यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि भविष्य में उनकी भूमिका रणनीतिकार की ही बनेगी या वह फिर से नेता बनना चाहेंगे

आप क्या सोचते हैं?

  • क्या PK वाकई राजनीति छोड़ेंगे जैसा उन्होंने कहा था?
  • जन सुराज की नाकामी का कारण सिर्फ़ गलत आकलन था या बिहार की जमीनी राजनीति की गहराई?

नीचे कमेंट करें — आपकी राय मायने रखती है।

Leave a Comment