बिहार की सियासत में जहां जातीय समीकरण हर चुनाव का ध्येय बदलते हैं और विकास बनाम वंशवाद की बहस कभी खत्म नहीं होती, वहीं 2025 के विधानसभा चुनावों ने एक बार फिर बेहद स्पष्ट संदेश दे दिया—राज्य ने “स्थिरता” को “बदलाव” पर भारी माना है। सात चरणों में हुए मतदान के बाद 14 नवंबर को आए नतीजों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को भारी बहुमत दिलाया।
कुल 243 सीटों में से NDA ने 174 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन मात्र 31 सीटों पर सिमट गया। BJP 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी और JD(U) 85 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर। परिणामों ने नीतीश कुमार के लिए एक और कार्यकाल का रास्ता साफ कर दिया।
दूसरी ओर, RJD का प्रदर्शन 2020 की तुलना में बड़ी गिरावट वाला रहा—2020 में मिली 100+ सीटों की तुलना में यह बार सिर्फ़ 25 पर आकर ठहर गई। कांग्रेस 6 सीटों पर और वाम दल 2 सीटों पर ही सिमट गए।
सबसे अलग नजर आए प्रशांत किशोर—जिनकी पार्टी जन सुराज (JSP) ने लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे, मगर एक भी सीट नहीं जीत सकी।
अगर आप Bihar Election Results 2025, NDA vs Mahagathbandhan, या Bihar Seat-wise Results 2025 समझना चाहते हैं—तो यह पूरा विश्लेषण आपके लिए है।
चुनाव का माहौल: गठबंधनों की दौड़, मुद्दों का संग्राम
2025 का चुनाव असल में 2020 के मंडेट की निरंतरता था—जहां NDA ने मुश्किल से सरकार बनाई और 2024 में नीतीश कुमार के एक और बड़े राजनीतिक U-Turn ने फिर से BJP के साथ गठबंधन तय कर दिया।
मुख्य बातें जो चुनाव को दिशा देती रहीं:
- NDA की रणनीति: BJP ने 160 सीटों पर, JD(U) ने 45 और सहयोगियों ने बाकी सीटों पर लड़ाई लड़ी।
- महागठबंधन की स्कीम: RJD 144 सीटों पर, कांग्रेस 70 और वामदल 29 सीटों पर मैदान में उतरे।
- जन सुराज की एंट्री: प्रशांत किशोर ने 239 उम्मीदवार उतारकर “तीसरी ताकत” बनने की कोशिश की।
चुनावी मुद्दे:
- बेरोज़गारी और पलायन
- जातीय जनगणना vs विकास बहस
- महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक योजनाएँ
- युवाओं के लिए नौकरियों के वादे
- “डबल इंजन सरकार” बनाम “परिवारवाद” का नैरेटिव
7 चरणों में—6 नवंबर से 20 नवंबर—कुल 67.8% मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों से ज़्यादा रही।
कौन जीता, कौन हारा: पार्टियों का रिपोर्ट कार्ड
पूर्ण नतीजे इस प्रकार रहे:
| पार्टी | कुल सीटें | बदलाव (2020 की तुलना में) |
|---|---|---|
| BJP | 89 | +15 |
| JD(U) | 85 | +42 |
| RJD | 25 | -75 |
| LJP(RV) | 19 | +12 |
| कांग्रेस | 6 | -8 |
| AIMIM | 5 | नई एंट्री |
| HAM(S) | 5 | +2 |
| वामदल | 2 | लगभग स्थिर |
| अन्य | 7 | — |
| जन सुराज (JSP) | 0 | — |
सबसे बड़ा संदेश—NDA की संयुक्त ताकत, RJD का सूखता जनाधार और JSP की शुरुआती नाकामी।

कौन सा इलाका किसके साथ रहा?
बिहार के चुनावी नक्शे ने साफ संकेत दिए—
- शहरी क्षेत्र (Patna, Muzaffarpur) में BJP का ज़ोरदार प्रदर्शन
- ग्रामीण और उत्तर बिहार में JD(U) की मज़बूत पकड़
- यादव और मुस्लिम बहुल सीटें RJD के पास, मगर कम मार्जिन
- जहां युवा और पलायन मुद्दा प्रमुख था—वहाँ JSP को 15–20% वोट दिखे, पर सीट में बदल नहीं पाए
महत्वपूर्ण सीटों का तापमान:
- पटना साहिब → BJP की रिकॉर्ड जीत
- राघोपुर → RJD की जीत लेकिन मत प्रतिशत कम
- दरभंगा → JSP की अच्छी मौजूदगी, पर सीट NDA की
- जोकिहाट → RJD आगे, JSP दूसरे नंबर पर
- वैशाली → JD(U) का शानदार प्रदर्शन
मतदाताओं का मूड: युवा, महिलाएँ और जाति की भूमिका
- महिलाओं ने NDA को भारी समर्थन दिया—कई लाभार्थी योजनाओं का असर
- युवा वोटर नौकरी को लेकर बहुत सक्रिय—पर उनमें बड़ा हिस्सा NDA और JSP में बंट गया
- जाति समीकरण:
- EBC (36%) → NDA की ओर झुकाव
- यादव (14%) → RJD का पारंपरिक समर्थन
- मुस्लिम (17%) → महागठबंधन को बढ़त, लेकिन NDA ने भी कुछ सेंध लगाई
परिणामों का मतलब: आगे क्या?
बिहार के लिए
- नीतीश कुमार के पास अब स्थिर बहुमत
- अगले 5 सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्किल-डेवलपमेंट पर फोकस की उम्मीद
- BJP की बड़ी सीट संख्या भविष्य में मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी को बढ़ाती है
विपक्ष के लिए
- RJD को अपनी रणनीति पूरी तरह बदलनी होगी
- कांग्रेस की हालत और कमज़ोर
- वाम दल हाशिये पर
- JSP को समय चाहिए—2025 में वोट मिला, सीट नहीं; 2030 के लिए यह तैयारी हो सकती है
राष्ट्रीय राजनीति के लिए
- बिहार की यह बड़ी जीत NDA को 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले और मज़बूत बनाती है
- INDIA गठबंधन को बिहार से कोई राहत नहीं मिली
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
- नीतीश कुमार: जनता का आभार, विकास पर और काम करने का वादा
- PM मोदी: यह विकास की जीत है
- तेजस्वी यादव: चुनाव निष्पक्ष नहीं थे, हमारी लड़ाई जारी
- कांग्रेस: गठबंधन को आत्ममंथन की सलाह
- प्रशांत किशोर: 0 सीटें आश्चर्य नहीं; हमारा लक्ष्य लंबी दौड़ का है
निष्कर्ष: बिहार का जनादेश—स्थिरता की जीत
2025 का चुनाव यह साफ दिखाता है कि बिहार के मतदाताओं ने इस बार स्थिर सरकार, अनुभव, और गठबंधन की मजबूती को प्राथमिकता दी।
NDA ने रिकॉर्ड बहुमत पाकर इतिहास रच दिया, जबकि विपक्ष को अब नए सिरे से सोचने की ज़रूरत है।
बिहार की राजनीति में अगले 5 साल बहुत महत्वपूर्ण होंगे—
क्या NDA अपने वादे पूरे करेगा?
क्या RJD एक मजबूत वापसी कर पाएगा?
क्या 2030 तक JSP “तीसरा विकल्प” बन पाएगी?
आपकी राय क्या है?
Bihar Election 2025 में आपको सबसे बड़ी सीख क्या लगी?