फ्लेक्सीकैप बनाम मल्टीकैप फंड्स: 10 साल की जंग में कौन जीता? (संकेत: धीरे चलने वाला जीता, दौड़ने वाला नहीं)

भारत के म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में जहां बाजार के मूड झूले की तरह झूलते हैं और निवेशक अगले बड़े अल्फा की तलाश में रहते हैं, वहीं दो कैटेगरी पर सबसे ज्यादा बहस होती है — Flexicap और Multicap फंड्स।
फ्लेक्सीकैप फंड्स अपने नाम की तरह लचीले हैं — ये बड़े, मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश को कभी भी बदल सकते हैं। वहीं मल्टीकैप फंड्स को SEBI के 25%-25%-25% के सख्त नियम से चलना होता है, यानी तीनों कैप्स में बराबर निवेश।

नवंबर 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 सालों की जंग में Flexicap फंड्स ने स्थिर प्रदर्शन के दम पर Multicap फंड्स को पीछे छोड़ा है। फ्लेक्सीकैप फंड्स ने औसतन 13.89% CAGR रिटर्न दिया है, जबकि कुछ टॉप फंड्स जैसे Parag Parikh Flexi Cap (18.46%) और HDFC Flexi Cap (17.42%) ने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ, मल्टीकैप फंड्स ने 3 सालों में शानदार 18.84% CAGR दिया, लेकिन लंबी अवधि में उनकी रफ्तार कम पड़ी।

अगर आप सोच रहे हैं “2025 में कौन-सा फंड बेहतर है – Flexicap या Multicap?”, तो नीचे दिया गया यह डीटेल्ड एनालिसिस आपको सही दिशा दिखाएगा।

Flexicap vs Multicap: फर्क आखिर है क्या?

🔹 Flexicap Funds

  • इन फंड्स को किसी कैप में बंधे रहने की जरूरत नहीं।
  • फंड मैनेजर मार्केट की हालत देखकर बड़े, मिड या स्मॉल-कैप शेयरों में कभी भी अलोकेशन बदल सकते हैं।
  • कम से कम 65% इक्विटी में निवेश जरूरी।
  • फायदा: बाजार की चाल के अनुसार लचीलापन।
  • जोखिम: गलत टाइमिंग या मैनेजर की गलती नुकसान दे सकती है।

🔹 Multicap Funds

  • SEBI का नियम: हर कैप (लार्ज, मिड, स्मॉल) में कम से कम 25% निवेश।
  • यानी डाइवर्सिफिकेशन तो रहेगा ही, लेकिन फंड उतना फ्री नहीं होगा जितना Flexicap।
  • यह रणनीति रिस्क को कम करती है, लेकिन मार्केट के मौके चूक सकती है।

सीधे शब्दों में —
Flexicap = आज़ादी + समझदारी की परीक्षा
Multicap = अनुशासन + स्थिरता

🔍 10 साल का प्रदर्शन: Flexicap की स्थिर रफ्तार, Multicap की चमक-दमक

| फंड का नाम | कैटेगरी | 10 साल का CAGR (%) | बेंचमार्क (Nifty 500 TRI 14.97%) से तुलना | AUM (₹ करोड़) | एक्सपेंस रेश्यो (%) | टर्नओवर (%) | शार्प रेश्यो |
|————-|———-|——————–|——————————————–|—————-|———————|————–|
| Parag Parikh Flexi Cap | Flexicap | 18.46 | +3.49 | 1,19,723 | 0.63 | 37.19 | 1.70 |
| HDFC Flexi Cap | Flexicap | 17.42 | +2.45 | 85,560 | 0.70 | 20.60 | 1.47 |
| Aditya Birla SL Flexi Cap | Flexicap | 15.74 | +0.77 | 23,533 | 0.86 | 33.00 | 0.91 |
| Quant Multi Cap | Multicap | 18.55 | +3.58 | 9,323 | 0.62 | 79.00 | -0.44 |
| Sundaram Multi Cap | Multicap | 16.60 | +1.63 | 2,829 | 0.94 | 56.70 | 0.80 |
| Nippon India Multi Cap | Multicap | 16.23 | +1.26 | 47,294 | 0.73 | 22.00 | 1.17 |

📈 निष्कर्ष:
फ्लेक्सीकैप फंड्स ने 10 सालों में स्थिर और सुसंगत रिटर्न दिए हैं। उनका औसत शार्प रेश्यो (1.36) मल्टीकैप्स (0.51) से बेहतर है — यानी वोलैटिलिटी के बावजूद बेहतर रिटर्न।
मल्टीकैप्स ने छोटे समय में शानदार परफॉर्मेंस दिखाया, लेकिन लंबी दौड़ में उनकी गति कमजोर पड़ी।

⚔️ क्यों Flexicap आगे है?

  1. लचीलापन ही ताकत:
    मार्केट में बदलाव के साथ निवेश बदलने की आज़ादी फ्लेक्सीकैप्स को बढ़त देती है।
    • 2021 में छोटे शेयरों की तेज़ी में फ्लेक्सीकैप्स ने 50%+ रिटर्न दिए।
    • 2022 की गिरावट में उन्होंने तेजी से लार्ज-कैप्स में शिफ्ट होकर नुकसान घटाया।
  2. कम खर्च, ज्यादा भरोसा:
    फ्लेक्सीकैप फंड्स का टर्नओवर कम (20-37%) होता है, जिससे एक्सपेंस रेश्यो भी घटता है।
  3. जोखिम पर बेहतर रिटर्न:
    शार्प रेश्यो ज़्यादा होने का मतलब — उतार-चढ़ाव के बावजूद संतुलित ग्रोथ।

Multicap की दिक्कतें:
25%-25%-25% के नियम से जब कोई सेगमेंट कमजोर पड़ता है, तो फंड को मजबूरी में उसी में निवेश बनाए रखना पड़ता है — नुकसान बढ़ता है।

🧭 2025 निवेश रोडमैप: किसे चुनें और कैसे?

  • Safe Strategy (सुरक्षित निवेशकों के लिए):
    Parag Parikh या HDFC Flexicap में SIP करें — 15 साल का लक्ष्य रखें।
  • High Growth Strategy (जोखिम लेने वालों के लिए):
    Quant Multicap या Nippon Multi Cap फंड्स में 30-40% हिस्सा रखें।
  • Balanced Strategy:
    50% Flexicap + 50% Multicap, हर साल रीबैलेंस करें।

📅 टैक्स टिप:
2024 बजट के बाद ₹1.25 लाख से ऊपर के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स।

🔚 निष्कर्ष: लंबी रेस का घोड़ा कौन?

पिछले 10 सालों में जब बाजार ने कई बार करवट बदली — कोरोना क्रैश, बजट बदलाव, ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव — Flexicap फंड्स ने अपनी लचीलापन और समझदारी से लगातार बेहतर रिटर्न दिया।
Multicap फंड्स ने छोटे समय में शानदार रिटर्न दिए, लेकिन लंबी अवधि में Flexicap फंड्स की स्थिरता जीत गई।

📌 निवेशक के लिए सबक:
आपका लक्ष्य, आपका स्वभाव और आपकी जोखिम लेने की क्षमता तय करेगी कि कौन सा फंड आपके लिए बेहतर है।

Flexicap है समझदार का चुनाव,
Multicap है अनुशासित का इम्तिहान।

डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं। बीते प्रदर्शन से भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं होती। निवेश से पहले SEBI-पंजीकृत फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें।
(डेटा: 10 नवंबर 2025 तक के NAVs पर आधारित)

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